Saturday 25 February 2017




फूलों की खेती से आमदनी 


फूलों की खेती लाभदायक होती है इस बात के प्रमाण आपको बहुतेरे मिल जाएंगे। लेकिन, इस बात का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है कि कौन से फूलों की खेती कम लागत में ज्‍यादा लाभदायक होती है। खेती करने से होने वाले लाभ की कड़ी में आज हम आपको बता रहें एक ऐसे ही फूल रजनीगंधा के बारे में। रजनीगंधा उगाने में न सिर्फ खर्च कम आएगा बल्कि इससे कमाई आप 2 से 2.5 लाख रुपए प्रति महीना तक कर सकते हैं।


2 से 2.5 लाख रुपए आती है लागत :
  • रजनीगंधा फूलों की खेती को भारत के हर हिस्‍से में किया जा सकता है।
  • रजनीगंधा के बीज के स्‍थान पर इसकी कलम रोपना ज्‍यादा अच्‍छा रहता है। 
  • लगभग 1 हेक्‍टेयर में करीब 12 क्विंटल कलमें रोपी जाती हैं।
  • कलमों और इसे रोपने व शुरूआती देखरेख में खर्च 1 से 1.5 लाख रुपए आता है।
  • खास बात है कि रजनीगंधा की फसल को कीट और बीमारियों का कोई खतरा नहीं होता।


मुख्यतः 3 प्रजातियों की है ज्‍यादा डिमांड

  • भारत में रजनीगंधा की तीन प्रजातियों को बेाया जाता है जिनकी खासी डिमांड है।
  • मैक्‍सीकन सिंगल या कलकत्‍ता सिंगल प्रजाति के फूल सफेद रंग के होते हैं।
  • कलकत्‍ता डबल: इस प्रजाति के फूलों पर दोहरी पंखुड़ी होती है हल्‍का गुलाबी होता है।
  • स्‍वर्णलता: भी डबल किस्‍म की तरह ही है इस पर भी हल्‍की गुलाबी रंग की पंखुड़ी होती है। 


90 से 120 दिन की होती है फसल

  • रजनीगंधा की तीनो प्रजातियों पर 90 से 120 दिनों बाद फूल आने लगते हैं।
  • एक हेक्‍टेयर खेत से 2.5 से 3 लाख स्‍पाईक (फूल समेत डंठल) मिल जाते हैं।
  • इसके अलावा 15 से 20 टन बल्‍ब व लेट्स भी प्राप्‍त होते हैं जिनकी अलग कीमत होती है।
  • यह पहले साल की फसल है, रजनीगंधा लगातार 3 सालों तक फसल देता है।
  • यदि आप कुछ अंतराल के बाद हर दिन फूल लेना चाहते हैं तो 15वें दिन रोपाई करें।

सिर्फ फूलों से होगी 25 से 30 लाख की कमाई 

  • रजनीगंधा के एक स्‍पाईक की विभिन्‍न मंडियों में कीमत 12 से 20 रुपए मिलती है।
  • यदि 2.5 लाख स्‍पार्इक होते हैं और कम से 10 रुपए भी कीमत भी मिलती है।
  • इस हिसाब से आप पूरे साल में 25 लाख रुपए सिर्फ फूलों से कमा सकते हैं। 
  • बल्‍व आदि बेचकर लागत काटकर 2 से 2.5 लाख रुपए प्रति माह आराम से कमाई होती है।

लगभग सभी राज्‍यो में सरकार से मिलती है मदद 

  • रजनीगंधा की मांग विदेशों में भी बहुत है। इसकी खपत पूरे साल लगभग एक जैसी होती है।
  • उत्‍तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, गुजरात हरियाणा में बड़ी मात्रा में खेती होती है।
  • फ्लोरीकल्‍चर यानी फूलों की खेती के लिए सरकार की तरफ से अलग अलग योजनाओ के अन्तर्गत सब्सिडी भी दी जाती है।
  • अलग अलग राज्‍यों में समय समय पर सब्सिडी और प्रोत्सान राशि की सीमा अलग अलग होती है।

ग्रामीण और शहरी छेत्र के युवको के लिए फूलों की खेती आमदनी का एक अच्छा जरिया है। इसे सौखिया तौर पर या फिर स्वरोजगार के तौर पर भी किया जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए आप अपने नज़दीकी ज़िला बागवानी विभाग से संपर्क कर सकते है। 

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