Wednesday 31 July 2019

मशरूम के फायदे............


जानिए और क्या हैं मशरूम के फायदे:

1. मशरूम में एंटी-ऑक्सीडेंट भूरपूर होते हैं. इनमें से खास है Ergothioneine, जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने और वजन घटाने में सहायक होता है.
2. मशरूम में मौजूद तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां जल्दी-जल्दी नहीं होतीं. मशरूम में मौजद सेलेनियम इम्यून सिस्टम के रिस्पॉन्स को बेहतर करता है.
3. मशरूम विटामिन डी का भी एक बहुत अच्छा माध्यम है. यह विटामिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है. नियमित तौर पर मशरूम खाने पर हमारी आवश्यकता का 20 प्रतिशत विटामिन डी हमें मिल जाता है.
4. मशरूम में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जिससे वह वजन और ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाता.
5. मशरूम में बहुत कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है और इसके सेवन से काफी वक्त तक भूख नहीं लगती.
इसके अलावा मशरूम को बालों और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. वहीं कुछ स्टडीज में मशरूम के सेवन से कैंसर होने की आशंका कम होने की बात तक कही गई है.


Monday 25 June 2018

बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय




बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसायजानें पूरा तरीका Goat Farming in Hindi


दोस्तों आज हम बात करेंगे बकरी पालन की जोकी अगर सही और लेटेस्ट तरीके से किया जाये तो  बहुत ही लाभकारी व्यवसाय है मैं आपको आज प्रैक्टिकल तरीके से बताऊंगा के हम बकरी पालन कैसे करें जिससे हमें लाभ ही लाभ हो और यह व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें आपने यह देखा होगा की हमारे बहुत सारे किसान भाई जो बकरी पालन करते हैं सही और लेटेस्ट जानकारी नहीं होने के कारन उन्हें ज़्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता, आज हम इस आर्टिकल में वह सारी जानकारियां देंगे जो बकरी पालन व्यवसाय को सही तरीके से करने में मदद करेगा Goat Farming का Hindi में विस्तार से पूरा तरीका बहुत ही काम जगह पर दिया गया है, इसीलिए हमलगों ने आपकी मदद के लिए पूरा तरीका information देने की कोशिश की है।

 


बकरी पालन का तरीका तथा बकरी पालन कैसे करें


·         बकरी के शेड बनाने के लिए सही जगह का चुनाव करें

बकरी फार्म हाउस या बकरी के शेड बनाने के लिए सही जगह का चुनाव करना बहुत ज़रूरी है, बकरी के शेड के लिए हम ऐसे जगह को चुनें की जहाँ बकरियों के चरने की जगह और आस पास का क्षेत्र हरा भरा हो जिससे हम बकरियों को चरा कर उसे हरा चारा भी उपलब्ध करा सकें, शहर से दूर किसी गाओं क्षेत्र में ऐसे जगह आसानी से उपलब्ध हैं , एक से दो एकड़ की जमीन यह व्यवसाय शुरू करने के लिए काफी है!

·         बकरियों  का आवास कैसा हो बकरी शेड बनाने का सही तरीका क्या है

सही जगह के चुनाव के बाद अब बारी है बकरियों के शेड की  ध्यान रहे की बकरियों का शेड बनाने से पहले जमीन का बाउंड्री जरूर करवा दें 6 फिट का बाउंड्री वाल अवश्य करवा लें और पानी के लिए बोरिंग भी  करवा लें जिससे इससे बाड़े को सेफ्टी और पशुओं के पीने के लिए साफ़ पानी मिल सके, बाउंड्री वाल आप अच्छा है के ईट और सीमेंट का बनाएं और अगर बजट कम है तो बांस के बाड़े भी बना सकते हैं।
मैं आपको 20 बकरी और एक नर बकरा से शुरुआत करने की सलाह दूंगा जोकि बजट में भी है और रिस्क भी कम है इसके लिए आपको 80 x 14 वर्ग फ़ीट का शेड बनाना है जिसमे आप आसानी से 100 बकरी रख सकते हैं , हमें यह विशेषज्ञों द्वारा बताया जाता है की कम से कम एक बकरी को रखने के लिए 10 -12 वर्ग फ़ीट का जगह जरूर रखें।

बकरी का शेड बनाते  समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें:-

  • शेड के दाहिने बाईं और पीछे के वाल की हाइट कम से कम 12  फ़ीट का हो, और 10 इंच वाल बनायें ताकि गर्मी और ठन्डे के मौसम में शेड के अंदर का तापमान अनुकूल रहे सामने का वालफ़ीट का रखें और उसमें 7 फ़ीट ऊपर तक जाली लगा दें जिससे क्रॉस वेंटिलेशन अच्छा होगा और फ्रेश हवा शेड के अंदर आएगी जो बकरियों के स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी है
  • शेड का छत एस्बेस्टस का बनायें
  • शेड की जमीन को थोड़ा ढाल बनायें ताकि मल-मूत्र आसानी से बह सके जमीन बनाने के लिए ईट का इस्तेमाल करें उसके ऊपर से मट्टी का एक लेयर बना दें
  • बकरी घर के अंदरसेक्शन जरूर बनायें जिसमे बकरी बकरा और बच्चे अलग अलग रह सकें तथा बकरियों के खाने के लिए मेंजर या नाद सीमेंटेड बना दें

·            बकरी के सही नसल का चुनाव करें Breed Selection

अब हमारा शेड तैयार है, अब हमें चाहिए के बकरियों के सही नस्ल का चुनाव करें ध्यान रहे दोस्तोँ के बकरी के सही नसल का चुनाव ही आपको बकरी पालन में सफलता की ऊंचाइयों तक ले जायेगा सही नसल के चुनाव के लिए हमें एक बात ध्यान में रखनी है के हम जिस वातावरण में रहते हैं वहां के अनुकूल ही बकरियों का नसल का चयन करें अगर हम अपने क्षेत्र बिहार की बात करें तो यहाँ ब्लैक बंगाल बकरी और बीटल बकरा का चयन सबसे अच्छा चयन है।
इसी तरह
राजस्थान में सिरोहीबीटल ,सोजात
UP में बारबरी और जमुनापारी
दक्षिण भारत में ओस्मनाबादीतेल्लीचेर्री
पश्चिम बंगाल में ब्लैक बंगाल इत्यादि प्रमुख नस्लें हैं
इस उदाहरण में मैं ब्लैक बंगाल बकरी और बीटल बकरा के बारे में बात करूंगा 20 ब्लैक बंगाल बकरी में एक बीटल बकरा रखें यह नस्लें बिहार , झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के वातावरण के अनुकूल हैं और बीमार भी कम पड़ते हैं सरकार बकरी पालन अथवा गाय पालन की नयी नयी योजनाए भी चला रही है आप अपने नज़दीकी पशु पालन विभाग या बाएफ में जाकर बकरी पालन लोन के लिए बकरी पालन फॉर्म भी भर सकते हैं
बकरी खरीदने समय हम यह ध्यान दें की बकरी वयस्क हो सबसे अच्छा तो यह है की उन बकरियों को ख़रीदे जिसका एक ब्याँत यानि वो एक बार बच्चा दे चुकी हो इससे हमें बाँझ बकरियों का खतरा नहीं रहता अन्यथा फार्म का प्रोडक्शन जल्दी होता है

बकरियों को चारा कैसा दें – Feeding Information

बकरी पालन में हम मुख्य रूप से बकरियों के मांस और दूध बेच कर ही पैसे कमाते हैं जो की पूर्णयता इसके खोराक और चारे पर निर्भर करती है यदि हम सही चारा देंगे तो बकरी का विकास अच्छा होगा और हमें दाम भी अच्छे मिलेंगे सही चारे से प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है
एक बात ध्यान देने योग्य है और मैंने यह सीखा है के बकरी पालन का मुख्या लागत बकरी के चारे में ही खर्च होता है हमें यह चाहिए के हम चारे में जितना पैसा बचा सकें उतना अच्छा है , चारा में पैसा बचाने का मतलब हरगिज यह नहीं है के हम चारा में कटौती करें बल्कि इसका सही मतलब है के हम बकरी के लिए चारा स्वयं पैदा करें हो सके तो एक एकड़ जमीन में हम मक्का , बरसीम इत्यादि रोप कर हरी चारा का बंदोबस्त कर दें इससे हम चारा में बहुत पैसा बचा सकते हैं और बकरियों को आहार भी पौष्टिक मिलता है
दो तरह के चारे हम बकरियों को जरूर दें एक हरा चारा और दूसरा सूखा चारा हरा चारा में तो पत्ते,घांस , बरसीम , मक्का इत्यादि अवश्य दें और सूखे चारे के रूप में  हम 100 kg सूखा चारा बना के रख लें
  • मकई का दर्रा – 30 kg
  • गेहू का चोकर – 40  kg
  • खल्ली (मूंग फली ) – 10  kg
  • चने का छिलका – 15 kg
  • मिनरल मिक्सचर पाउडर – 4 kg
  • नमक – 1  kg
यह चारा बकरियों को दिन में सुबह शाम कुट्टी यानि कटे हुए पोवाल में मिला कर दें एक बकरी के चारे का औसत एक पाओ (२५० ग्राम ) कुटटी में 300 ग्राम यह सूखा चारा मिला कर थोड़ा पानी दे कर संद दें और खाने दें इससे बकरियों का विकास बहुत अच्छा होगा और दिन में हरा चारा दें  7 से 8 महीने के भीतर बकरे का वजन 25 -30 kg  का हो जाता है यह वजन आपके बकरियों के नसल पर भी निर्भर करता है

सही समय पर प्रजनन – Information about reproduction

जैसे ही बकरी गरम हो हमें यह चाहिए के हम 12 – 24 घंटे के अंदर ही उसको अपने बकरे से पाल खिलवा दें इससे गर्भ धारण में आसानी होती है बच्चा देने के पष्चात 30 से 40 दिन के भीतर यदि वो दोबारा हीट में जाये तो दोबारा पाल खिलवाएं सही समय पर प्रजनन होना बहुत जरुरी है इसी पर  हमारे फार्म का प्रोडक्शन   निर्भर करता है

बकरियों का टीकाकरण और डीवॉर्मिंग – Vaccination information for goats

बकरियों को शेड के अंदर डालते ही टीकाकरण और डीवॉर्मिंग जरूर करवा दें फुट एंड माउथ डिजीज (FMD, PPR  , CCPP और एन्टेरोटोक्सिमिआ का टीका एक बार जरूर लगवा दें इससे इनमे प्रमुख रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है और यह बीमार भी कम पड़ते हैं
प्रत्येकमाह में एक बार  डीवॉर्मिंग जरूर करें, अल्बेंडाजोल टेबलेट या इसके अल्टरनेटिव टेबलेट्स बाजार में उपलब्ध है डॉक्टर की सलाह से अपने पशुओं को दें  पेट का कीड़ा मारने से इनमें विकास तेज़ी से होता है और यह स्वस्थ भी रहते हैं

बकरियों को सही मूल्य में बेचकर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाएं

किसी भी बिज़नेस को करने में मजा तब आता है जब हमें उसका रिटर्न अच्छा मिले तथा इसके लिए हमे बकरियों को सही दाम में बेचना बहुत जरुरी  है आप अपने लोकल मार्किट पर ज्यादा निर्भर हैं इसके साथ साथ आप को चाहिए के आप अपने बकरी फार्म का प्रचार अच्छे से करें ताकि आपको बल्क आर्डर आये जैसे शादी ब्याह में , हॉस्पिटल में , मिलिट्री कैंट में , बाड़े से बाड़े होटलों में आप संपर्क करें और उचित मूल्य प्राप्त करें.
दोस्तोँ यदि आप मेरे बताये गए तरीके से बकरी पालन करते हैं तो आपको जरूर अच्छा मुनाफा होगा और इस क्षेत्र में आप ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ेंगे हम आशा करते हैं के आपको यह जानकारी काफी अच्छी लगी होगी आप बस थोड़ा धैर्य रख कर पशुओ से प्रेम करते हुए इस काम को करें हो सकता है के आपको प्रथम वर्ष में ज़्यादा आमदनी भी हो लेकिन आप धैर्य से काम लें और लगातार काम करें एक साल के पश्चात् आपका फार्म का प्रोडक्शन बहुत अच्छा हो जायेगा उचित दामों में आप मांस और दूध बेच कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
चारा में अगर आप पैसा बचा सकते हैं तो आपका मुनाफा और अधिक हो जाएगा इसके लिए आप ज्यादा से ज्यादा अपने खली जमीन का उपयोग करें तथा सालों भर हरा चारा उगते रहें और अपने चारे का खर्चा बचाएं बकरियों को दिन भर हरे भरे मैदान में चरायें वो स्वयं अपना पेट भर लेगी शाम को वापस शेड के अंदर घुसते समय एक बार सूखा चारा दे दें
आप धैर्य और सच्चे रुचि से काम करें याद रहें दोस्तोँ अगर आप सच्चे पशु प्रेमी हैं तो आपके लिए यह काम बहुत ही अच्छा है और आपको इस काम में बहुत मन लगने वाला है और आप दिन दुगुनी रात चौगनी तरक्की करेंगे, यदि आपके मन में कोई प्रशन है तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें




मशरूम के फायदे............

जानिए और क्या हैं मशरूम के फायदे : 1.   मशरूम में एंटी - ऑक्सीडेंट भूरपूर होते हैं . इनमें से खास है Ergothioneine, जो ...